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गोल्ड लोन: बढ़ते एनपीए और कर्ज की बढ़ती समस्या

 

गोल्ड लोन: बढ़ते एनपीए और कर्ज की बढ़ती समस्या

भारत में गोल्ड लोन के बढ़ते एनपीए की स्थिति: 2025 की रिपोर्ट

वर्तमान में, गोल्ड लोन के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी ज़िंदगी की मुश्किलों को आसान बनाने के लिए सोने के गहने गिरवी रखकर लोन ले रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस के एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, जून 2024 तक बैंकों और एनबीएफसी के गोल्ड लोन एनपीए में भारी उछाल आया है। गोल्ड लोन को चुकाने में असमर्थ व्यक्ति बड़ी संख्या में कर्ज चुकता नहीं कर पा रहे हैं।

गोल्ड लोन पर नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) के आंकड़े बताते हैं कि बैंकों का गोल्ड लोन एनपीए जून 2024 में 2445 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है, जबकि मार्च 2024 में यह आंकड़ा 1513 करोड़ रुपए था। इसके साथ ही, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का गोल्ड लोन एनपीए 4251 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।



गोल्ड लोन के बढ़ने के कारण:

  1. मांग में वृद्धि: सोने की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी और लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए गोल्ड लोन का चयन बढ़ा है। गोल्ड लोन लेने वाले कई लोग घरेलू खर्च, बच्चों की स्कूल फीस, या चिकित्सा खर्चों के लिए लोन ले रहे हैं।

  2. आर्थिक मंदी और कमाई में कमी: रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि देश की धीमी होती अर्थव्यवस्था और घटती कमाई के कारण लोग अपने गोल्ड लोन का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते बैंकों और एनबीएफसी के पास बकाया लोन का बोझ बढ़ रहा है।

  3. लोन का बढ़ता ब्याज: कर्ज महंगा होने की वजह से लोग गोल्ड लोन को पर्सनल लोन पर प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि गोल्ड लोन पर ब्याज दरें कम हैं।

गोल्ड लोन का बकाया बढ़ने से RBI की सख्ती:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन सेक्टर में बढ़ते एनपीए को देखते हुए सख्ती बढ़ाई है। अब बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान लोन के दौरान लोन टू वैल्यू रेशियो (LTV) का पालन करने के लिए बाध्य हैं। साथ ही, सोने के आभूषणों और उनकी नीलामी में अधिक पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है।

हालांकि, सोने पर कस्टम ड्यूटी में कटौती से सोने की कीमतों में गिरावट भी आई, जिसके कारण गिरवी रखे गए सोने की वैल्यू लोन और ब्याज से कम हो गई है।

लोन के बढ़ते दायरे में RBI की भूमिका:

RBI की ओर से नए आदेश के तहत बैंक और वित्तीय कंपनियों को लोन की वसूली में पारदर्शिता लाने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। RBI के आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड लोन में 39% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और पर्सनल लोन के मुकाबले गोल्ड लोन अधिक बढ़ रहा है।

रिजर्व बैंक और गोल्ड लोन से जुड़े नियम:

आर्थिक संकट और कर्ज के बढ़ते बोझ के बीच RBI ने नवंबर 2023 में पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन के लिए रिस्क वेटेज बढ़ा दिया है, ताकि इन कर्जों के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सके।


मुख्य कीवर्ड्स:

  1. गोल्ड लोन एनपीए बढ़ना
  2. गोल्ड लोन की बढ़ती संख्या
  3. गोल्ड लोन के एनपीए की रिपोर्ट
  4. आरबीआई की सख्ती
  5. गोल्ड लोन की स्थिति 2025 में
  6. गोल्ड लोन और बैंक कर्ज
  7. सोने की कीमतें और लोन
  8. भारत में गोल्ड लोन
  9. गोल्ड लोन पर ब्याज दरें
  10. गोल्ड लोन की नीलामी और प्रक्रिया

यह ब्लॉग न केवल एनपीए के आंकड़ों पर प्रकाश डालता है, बल्कि गोल्ड लोन की बढ़ती चुनौतियों और इसके प्रभाव को भी स्पष्ट करता है। इसे एक आंतरिक अपडेट के रूप में लिखा जा सकता है ताकि लोग इसके संभावित खतरों और समाधान को समझ सकें।

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